रेगिस्तान का जहाज किसे कहा जाता है?

क्या आप जानते हैं रेगिस्तान का जहाज किसे कहा जाता है और उस पशु का नाम क्या है? यदि आप रेगिस्तान का जहाज किसे कहते हैं के बारे में नहीं जानते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़िए.

तुमने रेगिस्तान के जहाज कहे जाने वाला पशु ऊंट के बारे में जरूर सुना होगा. कई लोग इसे देखे भी होंगे, जो भारत में रेगिस्तानी इलाके (राजस्थान) में ज़्यादातर पाए जाते हैं.

इस लेख में आपकों रेगिस्तान का जहाज किसे कहा जाता है और उससे संबंधित बातों के बारे में जानकारी दी गई है.

रेगिस्तान का जहाज किसे कहा जाता है? (Registan Ka Jahaj)

रेगिस्तान का जहाज

रेगिस्तान का जहाज ऊंट को कहा जाता है. ऊंट वह पशु है जो औसतन 40-45 साल तक जिंदा रह सकता है और इसकी वजन 450 से 650 किलोग्राम तक होता है.

दिखने में कूबड़ वाली ऊंची पीठ और लंबी-लंबी टांगों वाले यह पशु मुख्य रूप से रेगिस्तानी इलाके में पाए जाते हैं. वास्तव में ऊंट अपने डील-डौल की खूबियों की बदौलत ऐसे चिलचिलाती धूप, तेज गर्मी और धूल भरी तेज हवाएं वातावरण में आसानी रह जाते हैं.

रेगिस्तानी इलाके में रहने वाले लोगों के लिए यह मुख्य ट्रांसपोर्ट का काम भी करता है, जो पानी के जहाज की तरह रेतीले सैलाब और टीलों पर आसानी से चल सकते हैं और सामान के साथ साथ अपने पीठ पर सवारी ढोने का काम भी करते हैं. यही कारण है कि ऊंट को ‘रेगिस्तान का जहाज’ कहा जाता है.

जैसे कि आपकों जानकारी है रेगिस्तान दुनिया भर के कई हिस्से में फैला है, जो गर्म होने के साथ साथ ठंडे भी होते हैं. ऊंट एक ऐसा पशु है जो इन रेगिस्तान के चिलचिलाती धूप, तेज गर्मी और धूल भरी तेज हवाएं के बावजूद आसानी से रह लेता है.

ऊंट को रेगिस्तान का जहाज क्यों कहा जाता है?

खेती से लेकर, सामान और सवारी ढोने तक, ऊंट रेगिस्तानी इलाके जहां चिलचिलाती धूप, तेज गर्मी और धूल भरी तेज हवाएं के बावजूद 65 km की रफ्तार से दौड़ सकता है,जो इंसान और किसी गाड़ी के लिए थोड़ा मुश्किल का काम हो जाता है, इसलिए इसे रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है.

ऊंट कितने प्रकार के होते हैं?

रेगिस्तानी मौसम के हिसाब से ऊंट दुनिया में 2 तरह के पाए जाते हैं :

1. एक कूबड़ वाले डरोमेडरीज या अरेबियन ऊंट

इस तरह के ऊंट मुख्यतः अफ्रीका का कालाहारी, लीबिया में सहारा, भारत के थार मरुस्थल, आस्ट्रेलिया के ग्रेट सैंडी डेजर्ट, माजोवा, सोनारन,अरेबियन पेनन्सुला के पास अरब रेगिस्तान,आदि जैसे रेगिस्तानी इलाके में पाए जाते हैं.

2. दो कूबड़ वाले बैक्ट्रीयन ऊंट 

इस तरह के दो कूबड़ वाले बैक्ट्रीयन ऊंट मुख्यतः ग्रीनलैंड, अंटार्कटिका, भारत के लेह-कारगिल, सियाचिन, आदि जैसे बर्फीले रेगिस्तान मरुस्थलों में पाए जाते हैं.

ऐसा माना जाता है कि ऊंट अपने कूबड़ में पानी जमा करके रखता है, जो रेगिस्तानी इलाके में कई दिनों खाना-पानी नहीं मिलने के कारण इन पानी का इस्तेमाल करता है.

वास्तव में यह एक फैट होता है जो भरपेट भोजन या पानी पी लेने की वजह से कूबड़ बड़ा हो जाता है. कई दिनों तक खाना – पानी नहीं मिलने पर ऊंट का यह फैट खत्म होने लगता है, जिसकी वजह से कूबड़ काफी छोटा हो जाता है.

ऊंट एक अद्भुत पशु है जो कई रूप में इंसान का काम आता है. आपकों बता दें यह बहुत लंबे समय तक प्यास सहन कर सकता है और विशाल स्तनधारी पशुओं में जिराफ के बाद ऊंट दूसरे नंबर पर आता है.

रेगिस्तान में ऊंट कितने तरह के होते हैं?

रेगिस्तानी मौसम के हिसाब, रेगिस्तान में ऊंट दो तरीके के होते हैं पहला एक कूबड़ वाले डरोमेडरीज या अरेबियन ऊंट और दूसरा दो कूबड़ वाले बैक्ट्रीयन ऊंट.

ऊंट के झुंड को क्या बोलते हैं?

ऊंट के झुंड या इनके समूह “एक कारवां झुंड ट्रेन” बोलते है.

ऊंट कौन से देश और जगहों पर रहते हैं?

ऊंट मुख्यतः रेगिस्तानी इलाके में रहते हैं. जैसे कि भारत के थार मरुस्थल, अफ्रीका का कालाहारी, आदि.

निष्कर्ष,

आपकों बता दें रेगिस्तान का जहाज “ऊंट” को कहा जाता है जिसके बारे में इस लेख में बतलाया गया है. हम आशा करते हैं कि हमारी यह पोस्ट “रेगिस्तान का जहाज” के ऊपर आपकों पसंद आई होगी.

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