कृषि क्या होती है इसकी परिभाषा और प्रकार

कृषि (अंग्रेज़ी: Agriculture) का नाम सबसे सुना है और बचपन से अपने आस-पास देखते हुए भी आ रहे हैं लेकिन क्या आपकों सचमुच पता है कृषि क्या होती है और कृषि कितने प्रकार की होती है?

हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है जहां अधिकतर लोग कृषि से जुड़े हुए हैं. खेती-बाड़ी उनके मुख्य व्यवसाय होती है यानी खेती ही उनलोगों के लिए सबकुछ है।

यदि आप किसी भी रूप से कृषि (Krishi) से जुड़े हुए हैं और अभी तक कृषि की परिभाषा क्या होती है और कृषि कितने प्रकार की होती है? को नहीं जानते तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े।

कृषि क्या होती है? परिभाषा

कृषि क्या होती है ?

कृषि एक प्रकार की खेत जुताई, फ़सल का उगाना और पशुपालन का कला है. यह एक प्राथमिक गतिविधि है जिसमें फसलें, सब्जियां, फल, फूल उगाना और पशुधन पालन शामिल है।

कृषि या खेती को अंग्रेजी में ‘Agriculture’ कहा जाता है जो एक लैटिन शब्द “एगर” या “एग्री” से लिया गया है जिसका अर्थ है मिट्टी और कल्चर (Culture) का अर्थ है खेती।

विश्व में 50 प्रतिशत व्यक्ति कृषि कार्य से जुड़े हुए हैं और वही भारत की दो तिहाई आबादी अभी भी कृषि पर निर्भर है. हालांकि हाल के दशकों में, कृषि श्रमिकों की संख्या घट रही है मुख्यतः विकासशील देशों में।

कृषि या खेती को आप एक तंत्र के रूप में देख सकते हैं. एक किसान को खेती करने के लिए जरूरी निवेश बीज, उर्वरक, मशीनरी और श्रमिक करनी होती है।

उसके बाद, किसान को फसल उत्पादन के लिए समय-समय पर जुताई, बुआई, सिंचाई, निराई और कटाई करनी होती है।

कृषि या खेती में निवेश दो तरह के होते हैं : भौतिक निवेश (सूर्य प्रकार, तापमान, वर्षा, मृदा एवं ढाल) और मानवीय निवेश (बीज, उर्वरक, मशीनरी, श्रमिक एवं भंडारण)।

यदि दोनों भौतिक और मानवीय निवेश सही और प्रयाप्त मात्रा में होने के बाद आपकों कई तरह के उत्पाद देखने को मिलते हैं जैसे कि फसलें, सब्जियां, फल, फूल, आदि।

कृषि के प्रकार 2024

कृषि विभिन्न प्रकार की होती है जैसे कि स्थानांतरण कृषि, जीविका कृषि, सधन कृषि, व्यापक कृषि , बागान कृषि, व्यावसायिक कृषि, मिश्रित कृषि, जैविक कृषि , आदि।

कृषि के प्रकारTypes of Agriculture
स्थानांतरण कृषिShifting Agriculture
जीविका कृषिSubsistence Agriculture
सधन कृषिIntensive Agriculture
व्यापक कृषिExtensive Agriculture
बागान कृषिPlantation Agriculture
व्यावसायिक कृषिCommercial Agriculture
मिश्रित कृषिMixed Agriculture
डेयरी फार्मिंग Dairy Farming
विशिष्ट खेतीSpecialized Farming
शुष्क खेतीDry Farming
बहु प्रकारीय खेतीDiversified Farming
रैंचिंग खेतीRanching Farming
सीढ़ीनुमा कृषिTerrace Farming
अनुबंध कृषिContract Farming
जैविक कृषिOrganic Farming

1. स्थानांतरण कृषि

स्थानांतरण कृषि जंगलों और भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में की जाती है. यहां वनों तथा झाड़ियों को काटकर व उनको जलाकर किसान द्वारा उसमें बीज बोया जाता है।

इस तरह की खेती में खाद का उपयोग नहीं किया जाता है और कुछ साल तक साफ़ मैदान पर पुराने उपकरणों की मदद से ऐसी ही खेती की जाती है।

इससे विभिन्न तरह के अनाज उत्पन्न किए जाते हैं जैसे कि मक्का, ज्वार, बाजरा आदि।

2. जीविका कृषि

जीविका खेती में किसान ज्यादातर एक परिवार के जीवन निर्वाह के लिए खेती करता है. इसमें कई तरह के अनाज उत्पादन की जाती है लेकिन वह परिवार के जरूरतों के आधार पर होती है।

इस प्रकार की खेती करने वाले किसानों के पास खेत छोटे होते है, जो गरीब होते हैं और कृषि से उपज भी कम होती है।

3. सधन कृषि

सधन कृषि ऐसे क्षेत्रों में होती है जहां की जनसंख्या अधिक होती है लेकिन खेती के लिए ज़मीन कम होती है. यानी इन क्षेत्रों में कम ज़मीन पर अधिक अनाज उत्पादन करने की कोशिश की जाती है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जरूरत पूरा हो सके।

4. व्यापक कृषि

व्यापक कृषि ऐसे क्षेत्रों में होती है जहां की जनसंख्या कम होती है और खेती करने के लिए ज़मीन अच्छी होती है।

इसमें खेती करने के लिए मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही इसमें कुल उत्पादन ज्यादा होती है लेकिन उपज कम होती है।

5. बागान कृषि

इस प्रकार के कृषि यूरोप के देशों में ट्रॉपिकल और सबट्रॉपिकल क्षेत्रों में की जाती है. भारत में मुख्य रूप से चाय, कॉफी, नारियल और रबड़ की बागान कृषि होती है।

बागान कृषि बड़े क्षेत्रों में विशेष तरह की मशीनों की मदद से की जाती है, जहां बड़ी उपज की जोत और सस्ता और कुशल श्रमिकों की जरूरत होती है. साथ ही इसमें वैज्ञानिक तरीकों का भी इस्तेमाल किया जाता है।

6. व्यावसायिक कृषि

व्यावसायिक कृषि एक ऐसी कृषि है जिसका उद्देश्य इस तरह की फसलें उगाना होता है जिसे बाजार में बेच कर मुनाफा कमाया जा सके।

इस तरह की खेती सधन और व्यापक दोनों हो सकती है. व्यावसायिक कृषि मुख्य रूप से व्यापार करने की दृष्टि से किया जाता है इसलिए खेती करने में लागत कम करने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है।

व्यावसायिक कृषि भारत में उतना प्रचलित नहीं है लेकिन हाल ही में कई राज्यों में इसका इलाका देखने को मिला है जैसे कि पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आदि।

7. मिश्रित कृषि

मिश्रित कृषि में फसलों की खेती के साथ साथ पशुओं को भी पाला जाता है. इस प्रकार की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में अधिक प्रचलित है।

इस तरह की कृषि में किसानों को खेती करने के लिए कुशल तरीके, परिवहन की सुविधा और आसपास के क्षेत्रों में अच्छा मुनाफा भी मिलता है।

8. डेयरी फार्मिंग

इस तरह की खेती मुख्य रूप से शहरी इलाकों में रहने वाले और काम करने वाले लोगों के किया जाता है, जिसमें डेयरी उत्पाद देने वाले पशुओं को शहर के नजदीक पाला जाता है।

इसमें गाय -भैंसों, बकरियों या कुछेक अन्य प्रकार के पशुधन को पाला जाता है।

9. विशिष्ट खेती

विशिष्ट खेती में एक ही प्रकार की खेती का उत्पादन की जाती है, जिसमें किसान अपनी आय के लिए केवल इसी पर निर्भर करता है।

इसमें ज्यादातर चाय, गन्ना, कहवा और रबर आदि जैसे फैसलों की खेती की जाती है।

10. शुष्क खेती

इस प्रकार की खेती ऐसे इलाके में होती है जहां वार्षिक वर्षा 20 इंच अथवा इससे कम हो. यानी यहां फसलों की सिंचाई करना मुश्किल है इसलिए ऐसे फसलों का उत्पादन किया जाता है जिसमें सिंचाई की जरूर बहुत कम होती है।

ऐसे क्षेत्रों के किसान खेती करने के लिए वर्षा के पानी को सुरक्षित रखते हैं और उससे अन्य खेती के कार्य करते हैं।

11. बहु प्रकारीय खेती

इस प्रकार की खेती ऐसे फार्मों पर की जाती है जिन पर आमदनी के स्रोत कई फैसलों पर निर्भर करता है. इसमें प्रत्येक फसल से जोत की कुल आमदनी 50% से कम ही भाग्य प्राप्त होता है।

इस तरह के फार्म को विविध फर्म भी बोला जाता है।

12. रैंचिंग खेती

रैंचिंग खेती में मुख्यतः प्राकृतिक वनस्पति पर विभिन्न प्रकार के पशुओं जैसे गाय, भेड़, बकरी, ऊँट, आदि को चराया जाता है।

यानी इसमें भूमि की जुताई, बुवाई , गुड़ाई आदि नहीं होती है और न ही किसी प्रकार की फसलों का उत्पादन किया जाता है।

13. सीढ़ीनुमा कृषि

इस प्रकार की खेती पर्वतीय क्षेत्रों में होती है जहां पर खेती करने के लिए मैदानी भाग नहीं होते हैं इसलिए सीढ़ीनुमा रूप में छोटी खेत तैयार कर खेती की जाती है।

फसल की सिंचाई करने के लिए बारिश के पानी के बहाव को रोका जाता है और जरूरत अनुसार इसका उपयोग किया जाता है।

14. अनुबंध कृषि

अनुबंध कृषि का मतलब है एक ऐसा कृषि जिसमें समझौते के आधार पर कृषि उत्पादन किया जाता है. यानी किसानों और फार्मों के बीच फसल-पूर्व एक समझौते होते हैं उसके बाद फसलों का उत्पादन कृषि द्वारा किया जाता है।

भारत में कई ऐसे किसान है जिनके पास भूमि एक एकड़ से भी कम है और इस तरह की भूमि पर खेती करने से लागत बढ़ जाती है और जितना फसल का मुल्य होना चाहिए उतना नहीं हो पाता है।

इसलिए छोटे किसान आपस में मिलकर कृषि करते हैं जिससे जोत का आकार काफी बढ़ जाता है और फसल उत्पादन भी अधिक होती है. ऐसा करने से उन सभी का कृषि लागत कम और मुनाफा अधिक होता है।

15. जैविक कृषि

जैविक कृषि का मतलब है एक ऐसी कृषि जिसमें रासायनिक खादों और कीटनाशक दवाओं का प्रयोग नहीं किया जाता है बल्कि खेती केवल जैविक खाद या प्राकृतिक खादों की मदद से की जाती है।

इस प्रकार की खेती से भूमि की उर्वरता में सुधार होती है और साथ ही पर्यावरण प्रदूषण भी कम होता है. इसके कई फायदे हैं इसलिए किसानों को इसके बारे में प्रशिक्षण देना महत्वपूर्ण है।

खेती क्या है?

खेती ही कृषि है, जिसमें भूमि पर किसानों द्वारा की जाने वाली समस्त कृषि क्रियाएं एवं पशुपालन करना ही खेती कहलाता है।

खेती कितने प्रकार के होते हैं?

खेती के प्रकार कुछ तरह है- विशिष्ट खेती, मिश्रित खेती, शुष्क खेती, बहु प्रकारीय खेती, और रैंचिंग खेती, आदि है।

कृषि का उद्देश्य क्या है?

कृषि या खेती करने का मुख्य उद्देश्य फसल उत्पादन और उत्पादकता की वृद्धि दर को स्थान देना है जिससे कृषि विकास होता है और साथ ही किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।

भारत की मुख्य फसलें कौन कौन सी है?

भारत की मुख्य फसलें है – चावल, गेहूं, मिलेट, मक्का, दाल, कपास, कॉफी, चाय, पटसन,जूट, बाजरा,गन्ना, तिलहन, आदि।

इस लेख में,

इस लेख में आपकों कृषि क्या होती है (Krishi Kya Hai) इसकी परिभाषा, मतलब और अर्थ, कृषि के प्रकार आदि चीजों के बारे में जानकारी दी गई है।

हम उम्मीद करते हैं आपकों दी गई कृषि (Agriculture in Hindi) की जानकारी पसंद आई होगी और कुछ नया सीखने को मिला होगा।

यदि यह लेख आपको पढ़ कर अच्छा लगा है तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया जैसे Facebook, Twitter, आदि पर share जरूर करे।

इसे भी पढ़े :

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *